नई दिल्ली. दूसरे वनडे में हर तरफ भारतीय टीम के गेंदबाजो की चर्चा है जिनकी जमकर पिटाई हुई और भारत मैच हार गया पर सच तो ये हा कि बैटिंग करते वक्त ही टीम इंडिया मैच हर चुकी थी. रायपुर के मैदान पर भारत ने पहले बल्लेबाज़ी तो दमदार अंदाज़ में शुरू की, लेकिन जैसे ही मैच अपने असली मोड़ यानि आख़िरी 11 ओवर पर पहुँचा, टीम की रफ़्तार मानो अचानक ब्रेक पर आ गई. जहाँ आधुनिक वनडे क्रिकेट में डेथ ओवरों में तूफ़ान उठता है, वहाँ टीम इंडिया के बल्ले से सिर्फ़ 78 रन निकले और यही धीमापन दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ़ हार का सबसे बड़ा कारण बनकर सामने आया. क्योंकि मिस्टर इंडिया यानि ओस से लड़ने के लिए जो ठोस कुशन ( 30 एक्स्ट्रा रन) चाहिए था वो नहीं बने.
विराट और रितुराज के लगाए खूबसूरत स्ट्रोक, बेहतरीन मंच तैयार करने की उनकी मेहनत सब कुछ बुर्ज ख़लीफ़ा की तरह खड़ा था, पर फिनिशिंग मंज़िल तक पहुँचाने वाला कोई नहीं था. राहुल हों, वाशिंगटन सुंदर या जडेजा तीनों से उम्मीद थी कि वे अंत में रफ्तार पकड़ेंगे, लेकिन तीनों के बल्ले जैसे शांत पड़ गए. नतीजा ये हुआ कि भारत की चमकदार शुरुआत फीकी पड़ गई, और विपक्ष ने मैच को आसानी से अपनी मुट्ठी में कर लिया.
रायपुर में हुई इस ‘स्लो मोशन’ बैटिंग ने साफ़ कर दिया फिनिशर की कमी अब टीम इंडिया की सबसे भारी कमजोरी बन रही है.
रायपुर में हुई इस ‘स्लो मोशन’ बैटिंग ने साफ़ कर दिया फिनिशर की कमी अब टीम इंडिया की सबसे भारी कमजोरी बन रही है.
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